मायूस हो गया हूँ जिंदगी के सफर से इस कदर
कि ना खुद से मिल पा रहा हूँ ना मंजिल से।
फेर ली ग़र निगाहें, हया से किसी ने,
फ़कत इक नजाकत थी,नफरत न थी।
फिर तकल्लुफ किया,बदली राहें सभी, Read more
मंज़िल होगी आसमाँ ऐसा यकीं कुछ कम है
अपने नक्शे के मुताबिक़ ये ज़मीं कुछ कम है
—-सुरेश सांगवान’सरु’
आँखों में रहा दिल में उतरकर नहीं देखा
कश्ती के मुसाफ़िर ने समन्दर नहीं देखा
बेवक़्त अगर जाऊँगा, सब चौंक पड़ेंगे Read more
मंज़िल अपनी जगह रास्ता अपनी जगह है
ज़िंदगी में सफ़र का मज़ा अपनी जगह है
मंदिर जाते हो कभी मस्जिद जाते हो Read more
कई राज दिल में है दफ़न ,
कई ख्याल दिल में जाग रहे ,
जो करते प्यार सचे दिल से ,
क्यूँ दूर दुखों से भाग रहे ,
उन्हें क्या पता यही मंज़िल है ,
आखिर यहीं पे तो आना है |
ना पूछो के मंजिल का पता क्या है,
अभी बस सफर है सफर का दीदार होने दो…
हमें परवाह नहीं की जीत हमारी है या हार, Read more
लगता है कि अब ठहर जाऊं मैं
चलते चलते अब थम जाऊं मैं
मैं नदिया हूँ तो मुझे मिलना ही होगा Read more
जानेवाले को बुलाया भी जा सकता है
रूठा है तो क्या मनाया भी जा सकता है
जहाँ में कौन परबत है इंसान महफ़िल से Read more
परिंदों को आवाज़ लगाने पे रहने दे मुझे
शज़र की मानिंद रबा ठिकाने पे रहने दे मुझे
नहीं चाहिए कोई आसमान है इलित्जा मेरी यही Read more
कोई मंज़िल भी नहीं कहीं मुझे जाना भी नहीं
तेरी ख़ातिर ऐ ज़िंदगी मैं दीवाना भी नहीं
पुराने क़िस्सों की अब दुहाई ना दिया कर मुझे Read more
हाथ हाथों में क्या लिये साथी
दूर दुनियाँ से चल दिये साथी
आज चाहत है किसे मंज़िल की Read more
किताबों में दिल की कहानी रहेगी
किसी प्यार की खुश निशानी रहेगी
नज़रों से नज़रें जो मिलती रहीं तो Read more
चाँद की बस्ती में काफ़िला सितारों का मिले
उठा दो जहाँ पलकें मौसम बहारों का मिले
दुनियाँ की भीड़ थी और हम आप से मिले Read more
जीवन की आपाधापी में कब वक़्त मिला
कुछ देर कहीं पर बैठ कभी यह सोच सकूँ
जो किया, कहा, माना उसमें क्या बुरा भला।
जिस दिन मेरी चेतना जगी मैंने देखा Read more
ऐसे चुप है कि ये मंज़िल भी कड़ी हो जैसे;
तेरा मिलना भी जुदाई की घड़ी हो जैसे;
अपने ही साये से हर कदम Read more