Abha Chandra on June 5, 2015 0 Comment | 9,949 हाले ऐ दिल अपना कभी सुनाओ भी कभी हमसे मिलो खुद को मिलवाओ भी यहाँ हर शख़्स सलीब पर है अकेला Read more →
Atul Azamgarhi on May 12, 2015 0 Comment | 8,679 ऐ अन्ज़ान, विधि छात्रावास के लड़के बहुत ही शरारती हैं, आज फिर तुम्हारा नाम मेरे दरवाजे पर लिख गये।