तुम रहना अपने द्वार,
करना मेरा इंतजार,
हम दोनो को जाना है,
इस जीवन के पार….
राह कठिन होगी मगर,
हमको रूकना नही है..
इस जालिम दुनिया के आगे,
हमको झुकना नही है…
हर मुश्किल को काटना है,
बनके तेज तलवार….
हम दोनों को जाना है,
इस जीवन के पार….
वहाँ आसमाँ में एक,
घर अपना भी होगा..
देखते है खुली आँखों से,
सच सपना भी होगा….
अपना आँगन हो जायेगा,
ये सारा अम्बार….
हम दोनों को जाना है,
इस जीवन के पार….
कैसे कैसे मोड़ मुड़े है,
प्रेम की इन राहों में..
कभी बिछौना है काँटो का,
कभी कभी बाहों में..
हर हाल में हमको चलना है,
नहीं मानेंगे हम हार….
हम दोनों को जाना है,
इस जीवन के पार….